"निर्मोही अखाड़े ने किया खुलासा"
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- निर्मोही अखाड़े का आरोप: विश्व हिन्दू परिषद ने राम मंदिर के नाम पर किया 1400 करोड़ का घोटाला
- “जितने फर्जी न्यास बने हैं वो मुसलमानों को ताकत देने में लगे है,
- विश्व हिन्दू परिषद ने घर-घर घूम कर एक-एक ईंट मांगी, पैसा जमा किया
- भाजपा राष्ट्रीय मुद्दों के बजाय धार्मिक मुद्दों से धार्मिक उन्माद फैला देश को बांटना चाहती है।

हिंदुत्व के नाम पर राजनितिक खेल
क्या यह वही भारत है जिसको हमने राजा महाराजाओं ,मुगलों ,मराठों ,नवाबों और निजामों के महलों और मीनारों से निकाल कर हमने एक भारत का नाम दिया। जहाँ हमने देश की एकता और अखंडता को किसी भी धर्म ,संस्कृति और परम्पराओं से ऊपर समझा है।
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| न मस्जिद,न मंदिर ,बौद्ध स्तूप थे साकेत में |
वर्तमान में हमारे देश में राष्ट्रीय मुद्दे (भुखमरी ,कुपोषण ,शिक्षा और स्वास्थय ) के बजाये गाय गोबर और मंदिरों और मस्जिदों जैसे गैर जरुरी मुद्दों पर चुनाव लड़ा जा जा रहा है। जो एक दिन देश की एकता और अखंडता को ख़तरा साबित होगा। राजनितिक हितों के चलते राजनितिक पार्टियां धर्म का राजनीतिकरण करने पर आमादा है जिसके उदाहरण निम्न है।
हिन्दू धर्म के प्रमुख निर्मोही अखाड़े का दावा है कि सदियों से हम राम लला की पूजा,आराधना करते आये है ,हम ही राम जन्मभूमि विवाद के वादी है। विश्व हिन्दू परिषद् और भाजपा राम-नाम पर मात्र राजनीती कर रही है।
राम मंदिर निर्माण के चंदे को लेकर विश्व हिंदू परिषद और निर्मोही अखाड़े के बीच विवाद हो गया है। निर्मोही अखाड़े ने विहिप पर संगीन आरोप लगाये है । निर्मोही अखाड़े ने दावा किया कि राम मंदिर के नाम पर 1400 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है .
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| हिन्दू संत ने खोली विश्व हिन्दू परिषद् की पोल |
मीडिया से वार्ता में निर्मोही अखाड़े के संत सीताराम ने कहा कि रामलला यानि निर्मोही अखाड़ा और निर्मोही अखाड़ा यानि रामलला। उन्होंने कहा “जितने फर्जी न्यास बने हैं वो मुसलमानों को ताकत देने में लगे है, संत सीताराम ने आरोप लगाते हुए कहा कि विश्व हिन्दू परिषद् ने राम मंदिर निर्माण के नाम पर घर-घर जाकर ईंट मांगी और पैसे दान में लिया। 1400 करोड़ रुपये का चंदा ये लोग खा गये।
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| धर्म के आधार पर गधा शेर पर सवार |
उन्होंने कहा, “हम लोग राम के पुत्र हैं। सेवक हैं। संत सीताराम जी ने बिल्कुल साफ कहा कि विश्व हिन्दू परिषद ने घर-घर घूम कर एक-एक ईंट मांगी, पैसा जमा किया और फिर इस पैसे को खा गए। उसके बाद कहा," इसी पैसे से सरकार बनाई गई है. योगी जी ने भी कह दिया कि हमारी ओर से कोई पहल नहीं है. राम के नाम पर सरकार बनाई है, और अब पीछे हट गए हैं."



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