अपने भाग्य के बजाय अपनी मजबूती पर विश्वास करो।"
बाबा साहब के अनमोल विचार जिन्हे आत्मसात कर जीवन को स्वतंत्रता ,समानता और बंधुत्वता मय बना कर देश के एक आदर्श नागरिक की भूमिका निभा सकते हो ! बाबा साहब को मानने की बजाये जानने का प्रयास करें !
- सागर में मिलकर अपनी पहचान खो देने वाली पानी की एक बूँद के विपरीत, इंसान जिस समाज में रहता है वहाँ अपनी पहचान नहीं खोता। इंसान का जीवन स्वतंत्र है। वह सिर्फ़ समाज के विकास के लिए नहीं पैदा हुआ है, बल्कि स्वयं के विकास के लिए पैदा हुआ है।"
- जीवन लम्बा होने की बजाये महान होना चाहिए."
- हिंदू धर्म में, विवेक, कारण और स्वतंत्र सोच के विकास के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।"
- बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए."
- मनुष्य एवम उसके धर्म को समाज के द्वारा नैतिकता के आधार पर चयन करना चाहिए. अगर धर्म को ही मनुष्य के लिए सब कुछ मान लिया जायेगा तो किन्ही और मानको का कोई मूल्य नहीं रह जायेगा।"
- एक सफल क्रांति के लिए सिर्फ़ असंतोष का होना ही काफी नहीं है, बल्कि इसके लिए न्याय, राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों में गहरी आस्था का होना भी बहुत आवश्यक है।"
- इतिहास गवाह हैं कि जहाँ नैतिकता और अर्थशाश्त्र के बीच संघर्ष होता है वहाँ जीत हमेशा अर्थशाश्त्र की होती है। निहित स्वार्थों को तब तक स्वेच्छा से नहीं छोड़ा गया है जब तक कि मजबूर करने के लिए पर्याप्त बल ना लगाया गया हो।"
- किसी भी कौम का विकास उस कौम की महिलाओं के विकास से मापा जाता हैं।"
- एक महान व्यक्ति एक प्रख्यात व्यक्ति से एक ही बिंदु पर भिन्न हैं कि महान व्यक्ति समाज का सेवक बनने के लिए तत्पर रहता हैं।"
- मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ जो स्वतंत्रता, समानता और भाई-चारा सीखाये।"
- हर व्यक्ति जो मिल के सिद्धांत कि एक देश दूसरे देश पर शासन नहीं कर सकता को दोहराता है उसे ये भी स्वीकार करना चाहिए कि एक वर्ग दूसरे वर्ग पर शासन नहीं कर सकता।"
- जिस तरह हर एक व्यक्ति यह सिधांत दोहराता हैं कि एक देश दुसरे देश पर शासन नहीं कर सकता उसी प्रकार उसे यह भी मानना होगा कि एक वर्ग दुसरे पर शासन नहीं कर सकता।"
- आज भारतीय दो अलग-अलग विचारधाराओं द्वारा शासित हो रहे हैं। उनके राजनीतिक आदर्श जो संविधान के प्रस्तावना में इंगित हैं वह स्वतंत्रता, समानता और भाई-चारे को स्थापित करते हैं और उनके धर्म में समाहित सामाजिक आदर्श इससे इनकार करते हैं।"
- एक महान व्यक्ति एक प्रतिष्ठित व्यक्ति से अलग है क्योंकि वह समाज का सेवक बनने के लिए तैयार रहता है।"
- एक सुरक्षित सेना एक सुरक्षित सीमा से बेहतर है।"
- जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हांसिल कर लेते, क़ानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है वह आपके किसी काम की नहीं।"
- यदि मुझे लगा कि संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो मैं इसे सबसे पहले जलाऊंगा।"
- यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं, तो सभी धर्मों के धर्मग्रंथों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए."
- राजनीतिक अत्याचार सामाजिक अत्याचार की तुलना में कुछ भी नहीं है और एक सुधारक जो समाज को खारिज कर देता है वह सरकार को खारिज कर देने वाले राजनीतिज्ञ से ज़्यादा साहसी हैं।"
- लोग और उनके धर्म, सामाजिक नैतिकता के आधार पर, सामाजिक मानकों द्वारा परखे जाने चाहिए. अगर धर्म को लोगों के भले के लिये आवश्यक वस्तु मान लिया जायेगा तो और किसी मानक का मतलब नहीं होगा।"
- समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा।"
- हमारे पास यह स्वतंत्रता किस लिए है? हमारे पास ये स्वत्नत्रता इसलिए है ताकि हम अपने सामाजिक व्यवस्था, जो असमानता, भेद-भाव और अन्य चीजों से भरी है, जो हमारे मौलिक अधिकारों से टकराव में है, को सुधार सकें।"
- मेरे नाम की जय-जयकार करने से अच्छा है, मेरे बताए हुए रास्ते पर चलें।"
- जो कौम अपना इतिहास नहीं जानती, वह कौम कभी भी इतिहास नहीं बना सकती।"
- अपने भाग्य के बजाय अपनी मजबूती पर विश्वास करो।"
- मैं राजनीति में सुख भोगने नहीं बल्कि अपने सभी दबे-कुचले भाईयों को उनके अधिकार दिलाने आया हूँ।"
- मनुवाद को जड़ से समाप्त करना मेरे जीवन का प्रथम लक्ष्य है।"
- जो धर्म जन्म से एक को श्रेष्ठ और दूसरे को नीच बनाए रखे, वह धर्म नहीं, गुलाम बनाए रखने का षड़यंत्र है।"
- राष्ट्रवाद तभी औचित्य ग्रहण कर सकता है, जब लोगों के बीच जाति, नरल या रंग का अन्तर भुलाकर उसमें सामाजिक भ्रातृत्व को सर्वोच्च स्थान दिया जाये।"
- अच्छा दिखने के लिए मत जिओ बल्कि अच्छा बनने के लिए जिओ!"
- जो झुक सकता है वह सारी दुनिया को झुका भी सकता है!"
- संविधान, यह एक मात्र वकीलों का दस्तावेज नहीं। यह जीवन का एक माध्यम है।"
- किसी का भी स्वाद बदला जा सकता है लेकिन जहर को अमृत में परिवर्तित नहीं किया जा सकता।"
- न्याय हमेशा समानता के विचार को पैदा करता है।"
- ज्ञान व्यक्ति के जीवन का आधार हैं।"
- शिक्षा जितनी पुरूषों के लिए आवशयक है उतनी ही महिलाओं के लिए."
संविधानिक भारत के निर्माता बाबा साहब के अनमोल वचनों से आंदोलित हो मूलनिवासी बहुजन समाज अपने मान सम्मान और स्वभिमान को समाज में स्थापित कर देश में अपनी भागेदारी सुनिश्चित करने को संघर्ष करेगा ! इसी उम्मीद के साथ सभी साथियों को जय भीम !
कपिल बर्मन





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