स्वास्थ ,शिक्षा ,सुरक्षा और रोजगार जैसे बुनियादी मुद्दे के स्थान पर गाय ,गोबर ,मंदिर जैसे बेबुनियादी मुद्दे देश को विकसित नहीं एक विशेष समुदाय ( स्वर्णों) को मजबूत करने की एक सुनियोजित साजिस है !
- देश में सामंतवाद और पूंजीवाद के बढ़ते प्रभाव ने मानो इंसानियत का दम ही तोड़ दिया हैं ,व्यक्तिगत
महत्वकांक्षाओं के चलते देश और धर्म को ताक पर रख पशुवर्ती पर उतारू इंसान इंसानियत खो चुका है !ऐसे हालत में एक डॉक्टर मानवता ओतप्रोत अपनी मानवता सिद्ध करने में लगा हैं !
- गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में मचे कोहराम के दौरान बाल रोग विशेषज्ञ और इंसेफलाइटिस वार्ड के हेड डॉ काफिल खान के रोल की जबर्दस्त तारीफ हो रही है! रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर संकट की घडी में डॉ काफिल खान अस्पताल में मौजूद नहीं होते तो मरने वाले बच्चों की संख्या और भी बढ़ सकती थी। अंग्रेजी वेबसाइट डीएनएइंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक जब अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हो गया तो डॉ कफील खान ने अपने दोस्त के नर्सिंग होम से ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाये।
- संविधान और मानवता को दरकिनार कर धर्म ,जाति और नस्ल आधार पर निर्णय लेती सरकारें देश को गृह युद्ध की और धकेलने पर उतारू है ! मनुवाद से प्रेरित सरकारों ने मुस्लमान को आतंकवादी और देशद्रोही साबित करने में लगी है ,दलितों को बेचारा ,बेबस और राजनैतिक अछूत बनाने का जतन कर रही है और किसानों को बैंकों का कर्जदार बना कर उनेह भूमिहीन बना ,किसान आर्थिक रूप से कमर तोड़ने का काम करती सरकार देश मे मनुवाद स्थापित करना चाहती है !
- जिस देश मे 500 करोड योगा दिवस मनाने में खर्च किये जाते हों 3000 करोड सरकार की वर्षगॉठ मनाने में खर्च किये गये हों। 15-15 करोड एमएलए खरीद में उडाये जा रहे हो वहॉ 68 लाख का भुगतान न होने के कारण 60 से अधिक बच्चो की मौत हो जाती है पर सरकार पर सवाल उठाना मना है क्योकि इस बार हमने ईश्वर के अवतारों की सरकार चुनी है। करना ही है तो पुरानी सरकारो को जिम्मेदार ठहराइये चाहे तो नेहरू को भी लपेट लीजिए और फोकस हामिद अंसारी पर बनाये रखिए और ध्यान रखिए कि किसी मदरसे की वीडियोग्राफी छूट ना जाए नही तो देश का विकास रूक जायेगा।
- गोरखपुर में BRD मेडिकल कालेज को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया । रस्से से बैरिकेटिंग कर दी गयी । परिवार वाले अपने बच्चे से मिल नहीं सकते , मृतक बच्चों का रिकॉर्ड हटा दिया गया, किसी भी बच्चे का पता नही मिल रहा । और उनके परिजनों को पिछले दरवाजे से बाहर किया जा रहा जिससे मीडिया की नजर में न आये । पूरा मामला दबाने की कोशिश । बहुत ही दुखद, बदतर व शर्मनाक ।
वाह रे भाजपा सरकार

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