स्वतंत्रता के समर्थक "अब्राहम लिंकन"

अब्राहम लिंकन के सुविचार


अब्राहम लिंकन (Abraham Lincoln) विश्व के उन महान राजनेताओं में से एक थे जिन्होंने अमेरीका से गुलामी की प्रथा को समाप्त करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई और 1862 में घोषणा कर दास बने लोगों को दास प्रथा से मुक्त किया। वे कभी स्कूल नहीं गए थे लेकिन पढ़ने कि इच्छा के कारण, स्वयं ही पढ़ना-लिखना सीख लिया।
Abraham Lincoln (अब्राहम लिंकन) के जीवन में कई मुश्किलें आई–
वे 21 वर्ष की आयु में व्यापार में असफल रहे।
वे 22 वर्ष की आयु में विधानसभा के चुनाव में हार गये।
वे 24 वर्ष की आयु में दुबारा व्यापार में असफल रहे।
27 वर्ष की आयु में उन्हें नर्वस ब्रेकडाउन हो गया।
वे 29 वर्ष की आयु में स्पीकर का चुनाव हार गये।
वे 34 वर्ष की आयु में कॉग्रेशनल रेस हार गये।
वे 45 वर्ष की आयु में सीनेटॉरियल रेस हार गये।
वे 47 वर्ष की आयु में उप-राष्ट्रपति बनने से वंचित रह गये।
वे 49 वर्ष की आयु में सीनेट में दुबारा हार गये।
यह बहुत ही आश्चर्य का विषय कि Abraham Lincoln (अब्राहम लिंकन) स्कूल नहीं गए और वे ज़िन्दगी में बार-बार असफल हुए लेकिन फिर भी वे 52 वर्ष की उम्र में अमेरिका के राष्ट्रपति बन गए.
अब्राहम लिंकन इतनी असफलता के बाद भी निराश नहीं हुए, बल्कि एक नए उत्साह और समर्पण के साथ आगे बढ़ते रहे। अन्त में उन्होंने अपने जीवन लक्ष्य को प्राप्त कर लिया और 1860 में संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए.
डिग्निटी आफ लेबर(Dignity of labour)

एक बार अब्राहम लिंकन राष्ट्रपति की हैसियत से अमेरिकी संसद में भाषण दे रहे थे. लिंकन थोडा ऊँची
आवाज बोल रहे थे ताकि सामने बैठे लोगों की अंतिम पंक्ति तक उनकी बात पहुँच सके. मगर,यह बात सामने बैठे एक सांसद महोदय को नागवार लग रही थी.वे बीच भाषण में उठ कर टोकने लगे-
"जनाब ! आप जरा धीमी आवाज में बोलिए.आपके पिता मेरे जूते सिलते थे".
संसद में सन्नाटा छा गया.थोड़ी देर बाद अपने आप को संयत करते हुए अब्राहम लिंकन ने जवाब दिया-
"महोदय,यह तो बताइए कि मेरे पिता ने आपके जूते कभी ख़राब तो नहीं सिले थे" ?
सांसद महोदय संभले, बोले- " नहीं, सचमुच वे नामी कारीगर थे और बहुत बढ़िया जूता सिलते थे".
अब लिंकन ने जवाब दिया-
महोदय, इसीलिए मै ऊँची आवाज में बोल रहा हूँ "
आइए, हम ऐसे ही महान व्यक्ति के विचारों (Thoughts) को जानते है–

  • अपने दुश्मनों को मिटाने का सबसे अच्छा और बेहतरीन तरीका यह है कि आप उन्हें अपना दोस्त बना लें।

  • अगर आप शांति-प्रिय है, तो लोकप्रिय होने से बचिए.

  • आपका सच्चा मित्र वही है, जिसके शत्रु भी वही हैं जो आपके हैं।

  • विद्यालय के एक कमरे में शिक्षा प्राप्त करती एक पीढ़ी के सिद्धांत, आने वाली अगली सरकार के सिद्धांत होंगे।

  • व्यक्ति द्वारा सफल होने के लिए उसके द्वारा लिया गया संकल्प (commitment) , बाकी सभी चीजों से ज़्यादा महत्त्वपूर्ण होता हैं।

  • अगर आप मुझे पेड़ काटने के लिए छ: घंटे का वक्त देंगे तो मैं अपने पहले चार घंटे कुल्हाड़ी की धार तेज करने में लगाऊंगा।

  • हम अपने व्यक्तित्व का निर्माण, किसी अन्य के अवसरों एवं आजादी को छीनकर नहीं कर सकते।

  • व्यक्ति का चरित्र एक वृक्ष है और उसका मान-सम्मान एक छाया। लेकिन ये कितने दुःख का विषय है कि हम हमेशा छाया की सोचते हैं, लेकिन असलियत तो वृक्ष ही है।

  • मेरा हमेशा से मानना रहा है कि कड़ी सजा की तुलना में दया ज़्यादा फलदायक सिद्ध होती है।

  • मैं कभी भी जीतने के लिए प्रतिबद्ध नहीं हूँ लेकिन मैं हमेंशा सच्चा बने रहने के लिए प्रतिबद्ध हूँ।

  • अगर पूर्व में ही हमें यह ज्ञात हो जाए कि हम कहाँ पर हैं और हम किस दिशा में जा रहे है? तब हम "क्या और कैसे करना चाहिए" , इसका निर्णय बेहतर तरीके से कर सकते हैं।

  • एक संकल्पवान और दृढ़ इच्छा शक्ति वाले व्यक्ति के लिए इस दुनिया का कोई भी कार्य असंभव नहीं है।

  • ज्यादातर लोग उतने ही खुश रहते हैं जितना वे पहले से अपने मस्तिष्क में तय कर लेते हैं।

  • साधारण दिखाई देने वाले लोग, विश्व के सबसे अच्छे लोग होते हैं और यही कारण है कि भगवान ऐसे लोगों को बड़ी संख्या में पृथ्वी पर लाते हैं।

  • जब भी मैं अच्छा कार्य करता हूँ, तब मैं अच्छा महसूस करता हूँ। लेकिन मैं जब बुरा काम करता हूँ, तब मैं बुरा महसूस करता हूँ। यही मेरा धर्म है।

  • हम सारे लोगों को बस कुछ समय के लिए और कुछ लोगों को हर समय के लिए धोखा दे सकते है लेकिन हम सभी लोगों को हर समय धोखा नहीं दे सकते।

  • हमें नयी परिस्थितियों में नयी सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए. तभी हम सफलता प्राप्त कर सकते है।

  • आप पहले यह निश्चिय कर ले कि आपके पैर सही जगह पर पड़े है, तभी आप सीधे खड़े हो।

  • अगर कोई भी व्यक्ति किसी काम को बेहतरीन ढ़ग से कर सकता है, तो मैं कहूँगा उसे करने दे। उसे एक मौका दीजिए ताकि वह स्वयं को साबित कर सके.

  • मैं हमेशा इस तरह याद किया जाना पसंद करूँगा कि जहाँ भी मुझे लगा कि यहाँ फूल लगाये जा सकते हैं, मैंने हमेशा झाड़ियों और कांटेदार पौधों को हटा वहाँ फूलों को लगाने का काम किया।
    • मैं धीरे चलता हूँ लेकिन कभी भी पीछे की और नहीं चलता।


    • हम आज टाल-मटोल करके आने वाली कल की जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकते।


    Abraham Lincoln अब्राहम लिंक

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