शिवपूजन गौतम मिश्र हैं ,फलाहारी बाबा !
- बलात्कारी बाबाओं को सरकार का संरक्षण !
- कंगाल से कैसे बना करोड़पति फलहारी बाबा !
- धर्म के नाम पर धार्मिक आस्था से खिलवाड़ !
अलवर (राजस्थान): कथा सुनाकर जीविकापार्जन करने वाले फलाहारी महाराज के पास आज करोड़ों की संपत्ति है तथा कई राजनेताओं के साथ उनके संबंध बताए गए हैं। बाबा 90 के दशक में राजस्थान के अलवर में आए और अशोका टॉकीज के पास नारायणी धर्मशाला में रहने लगे। उस वक्त उनके पास कुछ नहीं था और कथा सुनाकर अपनी जीविकोपार्जन करते थे। फलाहारी महाराज अलवर में कई धर्मशालाओं में रहे और बैकुण्ठधाम में हवन एवं कथा का वाचन किया। किन्हीं
कारणों से फलाहारी महाराज को अशोका टॉकीज के पास स्थित नारायाणी धर्मशाला से बेदखल कर दिया गया। इस दौरान फलहारी महाराज ने कई सभ्रान्त परिवारों से नाता जोड़ लिया। बाबा ने 1998 में काला कुआं केे समीप 400 वर्ग गज जमीन लेकर अपना आश्रम बनाया। इसके बाद उसने पलटकर नहीं देखा। बाबा करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन गया।
कारणों से फलाहारी महाराज को अशोका टॉकीज के पास स्थित नारायाणी धर्मशाला से बेदखल कर दिया गया। इस दौरान फलहारी महाराज ने कई सभ्रान्त परिवारों से नाता जोड़ लिया। बाबा ने 1998 में काला कुआं केे समीप 400 वर्ग गज जमीन लेकर अपना आश्रम बनाया। इसके बाद उसने पलटकर नहीं देखा। बाबा करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन गया।
बाबा ने अपने रसुखातों के चलते दक्षिण की तर्ज पर बैंकेटेश बालाजी का मंदिर बनवाया जिसमें करोडों रुपये खर्च हुए। बाबा के हर बडे नेता से अपने संपर्क रहे है। उसी का बाबा फायदा उठाते रहे। अलवर स्थित मधुसूदन आश्रम दिव्य धाम के संचालक फ़लाहारी महाराज पर लगे दुष्कर्म के आरोप के बाद अभी पुलिस के सामने पशोपेश की स्थिति बन गई है। अस्पताल में भर्ती होने से कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है। बुधवार की शाम जब से फलाहारी महाराज के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज हुआ है तभी से वह अलवर के एक निजी अस्पताल में गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती हैं। जिस वक्त मुकद्दमा दर्ज हुआ उसके बाद बाबा ने अपनी दाढ़ी बनवाई और भेष बदल कर भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के साथ अस्पताल पहुंच गए। अस्पताल में भर्ती होने के बाद पुलिस को करीब 1 घंटे बाद पता चला कि दुष्कर्म के प्रयास के आरोपी फलाहारी महाराज डॉक्टर पंकज शर्मा न्यूरो सर्जन के हॉस्पिटल में गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती हैं। बताया गया कि उन्हें संक्रमण की बीमारी के चलते भर्ती किया गया है।
पुलिस के कई अधिकारी और पुलिस जाप्ता इस अस्पताल पर तैनात किया गया है। डॉक्टर की राय के बाद ही उनसे पूछताछ की जाएगी। हालांकि अस्पताल में उनकी हालत अब ठीक बताई है। अरावली विहार थाना प्रभारी शीशराम मीना का कहना है की अभी बाबा बोलने की स्थिति में नहीं है और जैसे ही बातचीत होगी तब बयान दर्ज किए जाएंगे। बाबा का इलाज जारी है और पुलिस निगरानी बनी हुई है। आश्रम में जहां बाबा भक्तों से मिलते है। बाबा के सिंहासन की कुर्सी के बाद करीब 3 फीट की जाली लगी हुई है जिससे बाबा को कोई भक्त छू नहीं सकता है। जिस कमरे में सीसीटीवी कैमरों के कंप्यूटर लगे हुए हैं उसे पुलिस ने बंद करवा दिया और उनकी चाबी अपने कब्जे में ले ली है। फलाहारी महाराज का इलाज कर रहे डाक्टरों का कहना है कि बाबा होश में है उनकी स्थिति में सुधार है और बातचीत कर रहे है तथा उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है। उल्लेखनीय है कि फलाहारी महाराज के खिलाफ छत्तीसगढ़ की एक लॉ ग्रेजुएट छात्रा द्वारा दुष्कर्म के प्रयास का मुकद्दमा बिलासपुर से दर्ज हो कर जांच के लिए अलवर आया है।
अलवर.जगद्गुरु कौशलेन्द्र प्रपन्नाचार्य फलाहारी महाराज उर्फ शिवपूजन गौतम मिश्र पर लगे बिलासपुर की 21 साल के लड़की ने सेक्शुअल हैरेसमेंट के आरोप के बाद से ही अलग-अलग तरह की बातें सामने आ रही हैं। अनुयायी जहां इसे एक साजिश बता रहे हैं, वहीं विक्टिम का पिता आरोपों में सच्चाई का दावा कर रहा है। ऐसे में दैनिक भास्कर ने विक्टिम के पिता से उन तमाम सवालों के जवाब लिए जो आमजन और भक्तों की जुबां पर हैं। जिसमें उन्होंने बताया कि किस तरह फलाहारी बाबा महिलाओं को कैसे फंसाता था। गौतम मिश्र है फलाहारी बाबा का असली नाम...
विक्टिम के पिता ने बताया कि जगद्गुरु कौशलेन्द्र प्रपन्नाचार्य फलाहारी महाराज उर्फ शिवपूजन गौतम मिश्र (रामायणी) ग्राम डकसरीरा जिला कौशाम्बी उत्तरप्रदेश का रहने वाला है। ये 3 भाई है। यह बड़ा भाई है। बीच वाला भाई गांव मे रहता है कभी-कभी चित्रकूट आश्रम व पेन्ड्रा आश्रम मे आना-जाना लगा रहता है।
छोटा भाई धराचार्य ब्रम्हचारी अशर्फी भवन अयोध्या का उत्तराधिकारी बना हुआ है। फलाहारी महाराज शादीशुदा है, इसकी बीबी गांव मे रहती है । इसकी एक बेटी है जिसका नाम माया है। जिसकी शादी कर चुका है।
धर्मप्रचार के लिए मैंने ही दी थी ट्रेवलर गाड़ी
विक्टिम के पिता ने साफ किया कि जो सफेद कलर की गाड़ी बाबा के आश्रम के बाहर खड़ी है उसे 2013 में खरीदने के बाद महेंद्रा एंड महेंद्रा से फाइनेंस कराने के बाद मैने ही बाबा को दी थी। धर्मप्रचार के लिए यह गाड़ी मैने दी थी और कुछ दिन पहले ही लोन पूरा होने के बाद बाबा के नाम ट्रांसफर करवाई है। विक्टिम के पिता ने वाहन के कागजात भी पुलिस को उपलब्ध कराए हैं।
अलवर.जगद्गुरु कौशलेन्द्र प्रपन्नाचार्य फलाहारी महाराज उर्फ शिवपूजन गौतम मिश्र पर लगे बिलासपुर की 21 साल के लड़की ने सेक्शुअल हैरेसमेंट के आरोप के बाद से ही अलग-अलग तरह की बातें सामने आ रही हैं। अनुयायी जहां इसे एक साजिश बता रहे हैं, वहीं विक्टिम का पिता आरोपों में सच्चाई का दावा कर रहा है। ऐसे में दैनिक भास्कर ने विक्टिम के पिता से उन तमाम सवालों के जवाब लिए जो आमजन और भक्तों की जुबां पर हैं। जिसमें उन्होंने बताया कि किस तरह फलाहारी बाबा महिलाओं को कैसे फंसाता था। गौतम मिश्र है फलाहारी बाबा का असली नाम...
विक्टिम के पिता ने बताया कि जगद्गुरु कौशलेन्द्र प्रपन्नाचार्य फलाहारी महाराज उर्फ शिवपूजन गौतम मिश्र (रामायणी) ग्राम डकसरीरा जिला कौशाम्बी उत्तरप्रदेश का रहने वाला है। ये 3 भाई है। यह बड़ा भाई है। बीच वाला भाई गांव मे रहता है कभी-कभी चित्रकूट आश्रम व पेन्ड्रा आश्रम मे आना-जाना लगा रहता है।
छोटा भाई धराचार्य ब्रम्हचारी अशर्फी भवन अयोध्या का उत्तराधिकारी बना हुआ है। फलाहारी महाराज शादीशुदा है, इसकी बीबी गांव मे रहती है । इसकी एक बेटी है जिसका नाम माया है। जिसकी शादी कर चुका है।
धर्मप्रचार के लिए मैंने ही दी थी ट्रेवलर गाड़ी
विक्टिम के पिता ने साफ किया कि जो सफेद कलर की गाड़ी बाबा के आश्रम के बाहर खड़ी है उसे 2013 में खरीदने के बाद महेंद्रा एंड महेंद्रा से फाइनेंस कराने के बाद मैने ही बाबा को दी थी। धर्मप्रचार के लिए यह गाड़ी मैने दी थी और कुछ दिन पहले ही लोन पूरा होने के बाद बाबा के नाम ट्रांसफर करवाई है। विक्टिम के पिता ने वाहन के कागजात भी पुलिस को उपलब्ध कराए हैं।
अलवर.जगद्गुरु कौशलेन्द्र प्रपन्नाचार्य फलाहारी महाराज उर्फ शिवपूजन गौतम मिश्र पर लगे बिलासपुर की 21 साल के लड़की ने सेक्शुअल हैरेसमेंट के आरोप के बाद से ही अलग-अलग तरह की बातें सामने आ रही हैं। अनुयायी जहां इसे एक साजिश बता रहे हैं, वहीं विक्टिम का पिता आरोपों में सच्चाई का दावा कर रहा है। ऐसे में दैनिक भास्कर ने विक्टिम के पिता से उन तमाम सवालों के जवाब लिए जो आमजन और भक्तों की जुबां पर हैं। जिसमें उन्होंने बताया कि किस तरह फलाहारी बाबा महिलाओं को कैसे फंसाता था। गौतम मिश्र है फलाहारी बाबा का असली नाम...
विक्टिम के पिता ने बताया कि जगद्गुरु कौशलेन्द्र प्रपन्नाचार्य फलाहारी महाराज उर्फ शिवपूजन गौतम मिश्र (रामायणी) ग्राम डकसरीरा जिला कौशाम्बी उत्तरप्रदेश का रहने वाला है। ये 3 भाई है। यह बड़ा भाई है। बीच वाला भाई गांव मे रहता है कभी-कभी चित्रकूट आश्रम व पेन्ड्रा आश्रम मे आना-जाना लगा रहता है।
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विक्टिम के पिता ने साफ किया कि जो सफेद कलर की गाड़ी बाबा के आश्रम के बाहर खड़ी है उसे 2013 में खरीदने के बाद महेंद्रा एंड महेंद्रा से फाइनेंस कराने के बाद मैने ही बाबा को दी थी। धर्मप्रचार के लिए यह गाड़ी मैने दी थी और कुछ दिन पहले ही लोन पूरा होने के बाद बाबा के नाम ट्रांसफर करवाई है। विक्टिम के पिता ने वाहन के कागजात भी पुलिस को उपलब्ध कराए हैं।









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