दलितों के आर्थिक आरक्षण पर महाआंदोलन "विधा गौतम"

"राष्ट्रव्यापी आमरण अनशन "

  • भीख नहीं भागेदारी देश की हर ईंट में हो हिस्सेदारी।  
  • अनु. जाति उपयोजना(SCSP) का आवंटित धन  उनकी  संख्या के समानुपात में हो और उसे अनु. जाति के स्वास्थ्य,शिक्षा और विकास पर  पूर्णतया जमीनी स्तर पर ख़र्च हो।
  • परमोशन में आरक्षण का बिल राज्य सभा में पारित किया जाये। 
  • भारत के संविधान (93 वां संशोधन) अधिनियम 2006 पर केंद्र और राज्य सरकार कानून बनाये। 
  • 2 अप्रेल 2018 के दलितों के भारत बंद के दौरान हजारों निर्दोष दलित युवकों को फ़र्जी मुक़दमे में जेल में डाला ,उनेह बिना शर्त रिहा किया जाये। 

अखिल भारतीय अंबेडकर महासभा की प्रधान विधा गौतम के नेत्र्तव में 8 अगस्त 2018 को  देश के आठ राज्यों में दलित समाज  ने (आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक) अपने संवैधानिक अधिकारों की मांगों पर सभी राज्यों के जिले एवं तहसील स्तर पर आर-पार के धेय से भूख हड़ताल पर बैठे। यह राष्ट्रीयव्यापी भूख हड़ताल आज़ादी के उस दौर को याद दिलाती है' जब देश की जनता एक मत हो, अंग्रेजों  भारत छोड़ो आंदोलन  को सफ़ल बनाने के लिए ' करो या मरो की नियत से सड़कों पर उतरी थी। कुछ उसी तरह का मंजर "भागेदारी आंदोलन"  विधा गौतम के नेतृत्व में  हर गली ,हर गांव में नज़र आ रहा है।

विधा गौतम उत्तरप्रदेश के उनाव जिले की वो बहादुर बेटी है ,जिसने पत्रकारिता में डिग्री ले, अपना कॅरियर एक प्रतिष्ठित  टीवी चैनल से शुरू किया। जहाँ विधा गौतम  शोषित ,वंचितों की आवाज़ बनना चाहती थी, लेकिन वहां  जातिवाद का दीमक' पत्रकारिता जगत को भी खोखला कर चूका था। जहाँ मात्र सत्ता की चाटुकारिता के सिवाय और कुछ न था। मन हताश हुआ लेकिन दृढ़ संकल्प के कारण मायूस नहीं हुई। पत्रकारिता की नौकरी छोड़ समाज के मान-सम्मान और स्वाभिमान को जगाने ,एवं बाबा साहब अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान में प्रदत सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक अधिकारों को जमीनी स्तर पर लागु कराने को आजीवन संघर्ष करने संकल्प लिया।

पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड राज्यों  में "भीख नहीं भागेदारी" आंदोलन की सफलता के बाद अब राष्ट्रीय स्तर पर बाबा साहब के दिये  चौथे आरक्षण "आर्थिक आरक्षण" जिससे  अधिकांश अम्बेडकरी अनभिज्ञ है। उसी आर्थिक आरक्षण को सभी राज्यों में जनसँख्या के समानुपात में लागु करवाना महाआंदोलन का मुख्य उदेशय है। विधा गौतम का कहना है, कि दलितों को  "भारत के नागरिक की हैसियत" से भारत के प्रत्येक साधन एवं संसाधन में बराबरी  की भागेदारी चाहिए , न की भीख। मेरा संघर्ष जब तक जारी रहेगा जब तक सरकार की आर्थिक ,सामाजिक और शैक्षणिक योजनाएं सरकारी दफ़्तर से निकल  दलित की देहलीज़ तक नहीं पहुँचती।

विधा गौतम "भीख नहीं भागेदारी देश की हर ईंट में हो हिस्सेदारी" अभियान के समर्थन में देश के कौन-कौन में 174 स्थानों पर एक साथ विभिन्न जिलों में आन्दोलनकारीओं ने भूख हड़ताल शुरू की, जो इतिहास में  एक नज़ीर सिद्द होगी। हजारों की संख्या में उत्साहित युवा अपनी मोटर साइकल पर सवार ' बाइक यात्रा' निकाल अपनी बहन के समर्थन में उतर चुकें  है। गांव-गांव दलित बस्तियों में केंडल मार्च का आयोजन कर  समर्थन का इज़हार किया जा रहा है।

आंदोलन से जनजागृति का आलम यह है कि सभी अपने संवैधानिक अधिकारों को हांसिल करने को हर हद तक जाने को तैयार है।  जो कल तक राजतंत्रीय राज की प्रजा हुआ करती थी , जो सत्ता की हनक में  दबंगों के  हर जोर-जुल्म को अपनी किस्मत समझ सेहन कर लेती थी। वही प्रजा आज लोकतान्त्रिक "स्वतंत्र नागरिक" की हैसियत में अपने हक़-हकूक के लिए संविधान के दायरे में संघर्ष करने को उतावले नजर आ रहे है।

हर घर , हर गली से एक ही आवाज़ सुनने में आती है " भीख नहीं भागेदारी देश की हर ईंट में हो हिस्सेदारी " अज़ीब उमंग, बेहिसाब उत्साह बच्चा भी यही नारा लगा रहा है ,बूढ़ा भी यही राग  गा  रहा है। इस मंजर को देख लगता है देश में वास्तविक लोकतंत्र उदय हो चूका है जहाँ समानता,न्याय और स्वतंत्रता हो उसकी यह एक  बानगी नज़र आती हैं ।

देश के राजधानी से कोशों मील दूर' राजस्थान के नागौर जिले के एक छोटे से गांव "नुआं "  में विधा गौतम ने अपना अनशन स्थल चुना , जहाँ जातिवाद की विषमता' समाज के तानेबाने में विष घोलती हो ,जहाँ आज भी सदियों पुरानी अन्याय, अत्याचार और शोषण की परम्परा पर गर्व किया जाता हो ,जहाँ आज़ादी के सत्तर वर्षों के बाद भी दलित को मूँछ रखना उसका जुर्म हो, जहाँ दलितों के घोड़ी पर बैठने पर सामंती की शान में गुस्ताख़ी समझी जाये। वहां उत्तरप्रदेश से चलकर एक

बेटी सदियों पुरानी सामंती परम्परा को चुनौती दे , और दलितों को उनके संवैधानिक अधिकार दिलाने को जान दांव पर लगा दें , उस साहसी ,संकल्पी बहन को सलाम करता हूँ।

सभी अम्बेडकरी संगठनों से करबद्ध निवेदन है की भागेदारी आंदोलन में अपनी-अपनी अहम् भूमिका निभाएं।

कपिल बर्मन 
सहारनपुर 

















  

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